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शकुन्तला शर्मा ॥
रात के अँधेरे में दर्द छिपा था तन्हाई का । सूरज के तपन नें अश्क बहाया जुदाई का ॥ जो कर गये हमें गमों के हवाले अपना कहकर । चेहरा याद आता रहा हर पल उसी हरजाई का ॥
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December 21, 2021
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