Written By शकुंतला शर्मा
बहती नदी का पानी हमें ठहरा हुआ नजर आता है। जिन्दगी में हर कदम पर गमों का पहरा नजर आता है . चारों तरफ तेज रफ्तार से चला रहा है हर मुसाफिर । गमो की इस बस्ती में हर इंसान परेशा नजर आता है कुछ तो जरूर है दिलों में छुपी सभी की हकीकते । कोई उदास तो कोई बेवजह रोता नजर आता है ॥Download
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