Written By शकुन्तला शर्मा
जिस तरह में चांद में तेरा चेहरा देखती हुं। तेरे शहर में वही चांद निकलता तो होगा । । तेरे आने की राह हर रोज जिस तरह देखती हूं । तेरे शहर से कोई रास्ता मेरा निकलता तो होगा ॥ तेरे बदन को छु कर जो हवा का झोंका आता है । वही हवा का झोंका मेरी भी खबर सुनाता तो होगा ॥ गम ना कर जिन्दगी गुजर जायेगी मेरी यादो में तेरे । मेरे साथ गुजारा वक्त तुझे भी याद आता तो होगा ॥Download
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